लव मैरिज बनाम अरेंज मैरिज: आपकी कुंडली क्या कहती है?

क्या आप जानना चाहते हैं कि आपकी लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज? तो आपको बता दे कि इसका राज आपकी जन्म कुंडली में पहले से ही छिपा होता है। शादी हर इंसान की जिंदगी में एक खास पल होता है। कुछ लोग अपना जीवनसाथी खुद ही चुनते हैं, जिसे लव मैरिज कहा जाता है और वहीं, कुछ लोग अपने परिवार की पसंद से शादी करते हैं, जिसे अरेंज मैरिज कहा जाता हैं।

ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में कुछ खास ग्रह और योग यह बताते हैं कि आपकी शादी कैसे लव होगी या अरेंज। कई बार लोग शादी की बात को लेकर सोच में रहते हैं, लेकिन कुंडली का सही विश्लेषण करके यह पता लगाया जा सकता है आपकी किस्मत क्या कहती है – लव या अरेंज मैरिज।

इस लेख में जानेंगे कि लव और अरेंज मैरिज को लेकर कुंडली क्या कहती है, कौन से ग्रह लव मैरिज के योग बनाते हैं, और आपकी कुंडली से कैसे जान सकते है कि आपकी शादी कैसे होगी?

लव मैरिज के योग कुंडली में कैसे बनते हैं?

कुंडली में लव मैरिज के योग तब बनते हैं जब पंचम भाव (प्रेम भाव) और सप्तम भाव (विवाह भाव) के बीच संबंध हो। अगर लग्न में शुक्र हो, पंचम भाव का स्वामी मजबूत हो और सप्तम भाव से जुड़ा हो, तो प्रेम विवाह की संभावना होती है। राहु और चंद्रमा का पंचम या सप्तम भाव में प्रभाव भी लव मैरिज के योग बनाते हैं।

कैसे पहचानें कि कुंडली में लव मैरिज के संकेत हैं?

अगर कुंडली में पंचम (5वां) भाव और सप्तम (7वां) भाव जुड़े हों, तो लव मैरिज के संकेत होते हैं। जब शुक्र, चंद्रमा या बुध इन भावों में हों या इनसे जुड़े हों, तो प्रेम विवाह की संभावना बढ़ जाती है। राहु और केतु जैसे ग्रह शादी को परंपरा से हटकर करवाते हैं, जिससे लव मैरिज होने के योग बनते हैं।

कुंडली में लव मैरिज के योग बनाने वाले ग्रह कौन-कौन से हैं?

कुंडली में लव मैरिज के योग बनाने वाले मुख्य ग्रह हैं – शुक्र, चंद्रमा, बुध, राहु और कभी-कभी केतु। शुक्र प्यार और आकर्षण का ग्रह है। चंद्रमा भावनाओं को दिखाता है। बुध बातचीत और समझदारी बढ़ाता है। राहु परंपराओं को तोड़कर लव मैरिज करवाता है। ये ग्रह जब पंचम या सप्तम भाव से जुड़े हों, तो प्रेम विवाह के योग बनते हैं।

कुंडली में शादी का योग कैसे देखे?

कुंडली में शादी का योग देखने के लिए सप्तम भाव को देखा जाता है, जो विवाह का भाव होता है। अगर सप्तम भाव में शुभ ग्रह हों या उसका स्वामी मजबूत हो, तो विवाह के अच्छे योग बनते हैं। साथ ही, शुक्र, गुरु और चंद्रमा की स्थिति और दशा-अंतर्दशा भी बताती है कि शादी कब और कैसे होगी।

लव मैरिज के लिए कुंडली मिलान कैसे करें?

लव मैरिज में कुंडली मिलान बहुत जरूरी है ताकि शादी के बाद खुशहाल जीवन रहे। इसमें सबसे पहले यह देखा जाता है कि दोनों की कुंडलियों के गुण कितने मिलते हैं। कुल 36 गुणों में से कम से कम 18 से 20 अंक मिलना जरूरी होता है। साथ ही, मंगल दोष नहीं होना चाहिए और ग्रहों की दशा भी अच्छी होनी चाहिए।

शादी से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से या आप ऑनलाइन “पंडित जी ऑन कॉल” जैसी भरोसेमंद वेबसाइट से कुंडली मिलान करवा सकते हैं। इसके लिए वर और वधु का नाम, जन्म की तारीख, समय और जगह बतानी होती है। ज्योतिषी इन जानकारियों से कुंडली बनाकर देखता है कि दोनों का जीवन कैसा रहेगा।

क्या मेरी कुंडली में लव मैरिज का योग है?

आपकी कुंडली में लव मैरिज का योग हैं या नहीं देखने के लिए पंचम और सप्तम भावों की स्थिति देख सकते है। अगर इन भावों में शुक्र, चंद्रमा या बुध जैसे ग्रह अच्छे स्थान पर हों या एक-दूसरे से जुड़े हों, तो लव मैरिज के योग बनते हैं। साथ ही राहु या केतु का भी इन भावों पर प्रभाव होने से प्रेम विवाह की संभावना बढ़ जाती है।

कुंडली से जानें आपकी शादी कब होगी?

शादी का समय जानने के लिए कुंडली में सबसे पहले सप्तम भाव और उसके स्वामी की दशा देखी जाती है। जब सप्तम भाव या उसका स्वामी अच्छी दशा में होता है, तो शादी के योग बनते हैं। ज्योतिषी ग्रहों की स्थिति और उनकी दशा देखकर शादी कब होगी, यह बता सकते हैं।

उदाहरण के लिए अगर आपकी कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी गुरु (बृहस्पति) है और उसकी दशा 2025 से चल रही है, तो इस समय शादी होने के अच्छे योग हैं। साथ ही, अगर उस समय शुक्र भी मजबूत हो, तो शादी जल्दी हो सकती है। अगर सप्तम भाव में मंगल दोष न हो और दशा शुभ हो, तो शादी जल्दी होती है।

मेरी शादी लव होगी या अरेंज? जानें कुंडली विश्लेषण से

आपकी शादी लव होगी या अरेंज, यह जानने के लिए आपकी कुंडली का सही तरीके से विश्लेषण करना जरूरी है। कुंडली में पंचम भाव और सप्तम भाव की स्थिति देखना जरुरी है।

अगर आपके इन भावों में शुक्र, चंद्रमा, या बुध जैसे ग्रह मजबूत और जुड़े हों, तो आपके लव मैरिज के योग बनते हैं। अगर आपकी कुंडली में राहु या केतु का प्रभाव हो और ये ग्रह समाज की परंपराओं से अलग रास्ता दिखाएं, तो भी लव मैरिज की संभावना बढ़ जाती है।

वहीं, अगर ग्रह और भाव पारंपरिक हों और परिवार की मर्जी का प्रभाव दिखे, तो अरेंज मैरिज की संभावना होती है। सही और गहराई से आपकी शादी लव या अरेंज होगी, जानने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली मिलाकर पूरी जानकारी लेना अच्छा रहता है।

लव मैरिज योग बनाने वाले ग्रह कौन से हैं?

शुक्र – ये ग्रह प्यार और आकर्षण दिखाता है।

चंद्रमा – ये भावनाओं और मन को बताता है।

बुध – ये बातें करने और समझने में मदद करता है।

राहु – ये परंपराओं से अलग रास्ता दिखाता है।

केतु – ये अलग और खास तरह के रिश्ते दिखाता है।

जन्म कुंडली से लव मैरिज की भविष्यवाणी कैसे करें?

  1. सबसे पहले अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान की जानकारी लेकर कुंडली बनवाएं।
  2. कुंडली में 5वां घर और 7वां घर की स्थिति जांचें।
  3. शुक्र, चंद्रमा और बुध ग्रह अगर पंचम या सप्तम भाव में अच्छे स्थान पर हों या आपस में जुड़े हों, तो लव मैरिज के योग बनते हैं।
  4. राहु और केतु ग्रह पंचम या सप्तम भाव से जुड़े हों या उन पर प्रभाव डाल रहे हों, तो यह संकेत होता है कि शादी पारंपरिक तरीके से अलग, यानी लव मैरिज हो सकती है।
  5. आपकी कुंडली में जब शुक्र, गुरु या सप्तम भाव के स्वामी की अच्छी दशा चले, तो शादी के योग बनते हैं।
  6. मंगल दोष (सप्तम भाव में मंगल) शादी में बाधा ला सकता है। अगर मंगल दोष नहीं है तो शादी अच्छे समय पर होगी।

क्या लव मैरिज के लिए कुंडली मिलान जरूरी होता है?

लव मैरिज में भी कुंडली मिलाना जरूरी होता है। क्योंकि लव मैरिज में तो दिल से रिश्ता बनता है, लेकिन शादी के बाद जीवन में सुख-शांति बनी रहे, इसके लिए कुंडली मिलान से यह पता चलता है कि दोनों की स्वभाव, ग्रह और योग कितने मेल खाते हैं।

कुंडली मिलान से ये देखा जाता है कि क्या दोनों के बीच कोई मंगल दोष तो नहीं है, और ग्रहों की दशा सही है या नहीं। इससे शादी में सुख-शांति, समझदारी और आपसी तालमेल बढ़ता है। इसलिए, चाहे लव मैरिज हो या अरेंज, कुंडली मिलान करवाना अच्छा रहता है ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कतें न आएं।

अगर आप अपनी लव मैरिज या शादी से जुड़ी सही जानकारी और कुंडली मिलान करवाना चाहते हैं, तो पंडित जी ऑन कॉल में अनुभवी ज्योतिष आपकी मदद के लिए तैयार हैं। यहाँ आपको सटीक और भरोसेमंद सलाह मिलेगी, जिससे आप अपने जीवन के जरुरी फैसलों को अच्छे से समझ सकेंगे।