Best Life Poetry in Hindi | हिंदी कविता जीवन पर 2025

Best Life Poetry in Hindi reveals profound insights that resonate deeply with our everyday experiences, making it a powerful tool for reflection and motivation.

Poetry has the remarkable ability to articulate feelings and thoughts that often go unspoken, making it an essential part of our cultural fabric and helping us reflect on our experiences and emotions.

This article highlights some of the finest Hindi poetry that speaks to the core of our human experience, providing insights that are both profound and relatable.

Life Poetry in Hindi

The richness of Hindi poetry allows for a unique expression of emotions that resonate with a wide audience, transcending barriers of age and experience.

Each poem becomes a vessel carrying the weight of personal and collective narratives, enabling readers to find solace and understanding in shared experiences.

कोई जगह होगी, जहाँ से न जाना होगा,
इस परिंदे का कहीं तो आशियाना होगा।
न जाने किस शय का मुन्तज़िर है अब,
न जाने किस ओर अब ठिकाना होगा।
कई चेहरों सा दिखने लगा है अब चेहरा,
शायद इस लिए उसने न पहचाना होगा।
देख कर मुझे भी उतनी ही हैरत होती है,
आईना भी मेरी तरह बहोत पुराना होगा।
अब तू ही कुछ बोल बेचैन दिल मेरे,
क्या फिर से मुझे सब कुछ बताना होगा?

Hindi Poetry

कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर ढूँढा उसे इधर उधर
वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी
एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,
वो सहला के मुझे सुला रही थी
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,
मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले तुझे जीना
सिखा रही थी..।
तू वो चाँद है….
जिसको मैं पाना नहीं चाहती, “
लेकिन.. तुजे देखने का…..
एक भी मौका गँवाना नहीं चाहती..
तुम्हें दुर से चाहना मंजूर है मुझे,
मेरी इस इबादत पर गुरुर है मुझे,
तुम्हें अपने लफ़्ज़ों में छुपाकर रखूं मैं,
अपनी शायरी में बसा कर रखूँगी,
चाँद सा है तू. तेरी चाँदनी नही,
मैं खुद को जमी बना कर रखूँगी…!!
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Poem on Truth of Life in Hindi

A truth poem on life in hindi can serve as a mirror reflecting the intricacies of human existence. It dives deep into the experiences that shape our understanding of reality, joy, sorrow, love, and loss.

Through vivid imagery and emotive language, such poems can evoke deep introspection, prompting readers to confront their truths and the universal struggles we all face.

एक चेहरा जो मेरे ख़्वाब सजा देता है।
मुझे खुश रहने की वजह देता है,
वो मेरा कौन है, मालूम नहीं लेकिन
जब भी मिलता है, पहलू में जगह देता है,
मैं जो कभी अन्दर से टूट कर बिखरू
वो मुझे थामने के लिए हाथ बढ़ा देता है,
मैं जो तन्हा कभी चुपके से रोना भी चाहूं
वो दिल का दरवाज़ा खटखटा देता है,
उसकी बातों में जाने कैसा जादू है।
एक ही पल में सदिया भुला देता है..
हमें भी प्यार करना आ गया है।
कि जीने का सलीक़ा आ गया है।
तुम आने वाले थे ना जनवरी में
दिसंबर का महीना आ गया है।
वो आमादा हुए क्यों ख़ुदकुशी पर
जो कहते थे कि जीना आ गया है।
ख़ुशी अब जीत की दूँगी मैं उसको
मुझे अब हार जाना आ गया है।
कहो क्यों ज़ख़्म पर मरहम लगाऊँ
जब इसका लुत्फ़ लेना आ गया है
तुझे ग़म दे के ख़ुश होती है दुनिया
‘तबस्सुम’ क्या ज़माना आ गया है.।
कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा ।
कभी सारे जहां की हंसाने का दिल करता है ।।
कभी छुपा लेते है गम की दिल के किसी कोने में।
कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है ।।
कभी रोते नही लाख दुःख आने पर भी ।
और कभी यूँ ही आंसू बहाने को दिल करता है।
कभी अच्छा सा लगता है आज़ाद घूमना, लेकिन कभी
किसी की बाहों में सिमट जाने को दिल करता है।।
कभी कभी सोचते है नया हो कुछ जिंदगी में।
और कभी बस ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है ।।

Poems About Life in Hindi

The beauty of poetry on life in Hindi lies not just in its lyrical quality but also in its ability to resonate with the cultural nuances and philosophical insights of Indian life.

The rich tradition of Hindi poetry allows for a diverse range of styles and voices, from classical forms like ghazals and dohas to contemporary expressions that challenge societal norms.

ज़िन्दगी की दौड़ में,
तजुरबा कच्चा ही रह गया….।
हम सीख न पाये ‘फ़रेब
और दील बच्चा ही रह गया…।
बचपन में जहाँ चाहा हंस लेते थे,
जहाँ चाहा से लेते थे…।
पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए
और आँसुओं को तन्हाई… |
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से
देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों मैं ….
चलो मुस्कुराने की वजह डुढते है तुम हमें ढूँढो,
हम तुम्हें ढूँढते है….।
चेहरे की हसी दिखावट सी हो रही है
असल ज़िन्दगी भी बनावत सी हो रही है
अनबन बढ़ती जा रही रिश्तों में भी
अब अपनों से भी बग़ावत सी हो रही है
पहले ऐसा था नहीं जैसा हूँ आजकल
मेरी कहानी कोई कहावत सी हो रही है।
दूरी बढ़ती जा रही मंज़िल से मेरी
चलते चलते भी थकावट सी हो रही है
शब्द कम पड़ रहे मेरी बातों में भी
ख़ामोशी की जैसे मिलावट सी हो रही है
और मशवरे की आदत न रही लोगो को
अब गुज़ारिश भी शिकायत सी हो रही है ।

Poems About Life in Hindi

घर की पुरानी दीवारों सा,
अब ढहने लगा है आदमी !
बहुत ढो चुका रिश्तों का बोझ,
अब दबने लगा है आदमी !
ज़िन्दगी के हादसों में टूटकर
बिखरने लगा है आदमी !
अपनों में रहकर भी अजनबी
सा लगने लगा है आदमी !
घर की पुरानी दीवारों सा,
अब ढहने लगा है आदमी !

Hindi Poetry on Life

Contemporary Hindi poets are pushing the boundaries of traditional forms, experimenting with free verse and modern themes that address social issues, personal struggles, and the quest for identity in a rapidly changing world.

This evolution not only broadens the audience for Hindi poetry but also invites younger generations to engage with their heritage in new and meaningful ways.

बढ़ रहे है मेरे कदम तेरी आवाज की तरफ
चला जा रहा हूं तेरे पैरों के निशान की तरफ
खींच लाई है तेरी याद आज फिर से मुझको
जो मर चुके थे मेरे अंदर उन एहसास की तरफ
मैने आज तक कभी भी नही की पीठ जाना
जिस पर लगी है तेरी तस्वीर उस दीवार की तरफ
फिर रुकते नही है तब बहने से आसूं मेरे
जब जाता है ध्यान हमारे टूटे हुए ख्वाब की तरफ
भर जाता है जब मन शहर की भागती दौड़ती जिंदगी से
पकड़ता हूं बस और चल पड़ता हूं तेरे गांव की तरफ
आज भी तड़पती है मेरी मोहब्बत तेरी मोहब्बत को
आज भी झुकता है मेरा सिर तेरे मकान की तरफ..।
खुद को में समझाऊं कैसे
बातें तुम्हारी भुलाऊं कैसे।
दूरियाँ जो तुमने बना ली
उन्हें अब में मिटाऊं कैसे ॥
साँसे चल रही तेरे नाम की
उनका शोर सुनाऊं कैसे।
दिल में तुम्हे छुपा के रखा
हाल ए दिल बताऊँ कैसे।।
आँखों में तस्वीर तुम्हारी
आँसुओं में बहाऊँ कैसे।
तुम्हें अपना खुदा माना
जुदा फिर हो जाऊँ कैसे..
दरिया का सारा नशा उतरता चला गया
मुझको डुबोया और मैं उभरता चला गया
वो पैरवी तो झूट की करता चला गया
लेकिन बस उसका चेहरा उतरता चला गया
हर साँस उम्र भर किसी मरहम से कम न थी
मैं जैसे कोई ज़ख्म था बढ़ता चला गया
हद से बढ़ी उड़ान की ख़्वाहिश तो यूं लगा
जैसे कोई परों को कुतरता चला गया
मंज़िल समझ के बैठ गये जिनको चंद
लोग मैं ऐसे रास्तों से गुजरता चला गया
दुनिया समझ में आई मगर आई देर से
कच्चा बहुत था रंग उतरता चला गया.!

Best Short Kavita In Hindi

Short Hindi poem in its lyrical quality also has its ability to convey deep meanings within a few lines. This brevity encourages readers to reflect on the underlying messages, making each kavita a source of inspiration or contemplation.

जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,
जो हासिल है, चल उस से ही सवाल करें |
बहुत दूर तक जाते हैं, याँदो के क़ाफ़िले,
फिर क्यों पुरानी यादो मे सुबह से शाम करें।
माना इक कमी सी है, जिंदगी थम सी हैं,
पर क्यों दिल की धड़कनों को दरकिनार करें !!
मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,
आ ज़रा इत्मीनान से किसी ख़ास का इंतज़ार करें !!
रूढूँगा मैं तुमसे इक दिन इस बात पे
जब रूठा था मैं तो मनाया क्यूँ नही
कहते थे तुम तो करते हो मुझसे प्यार
जो दिखाया मैने नखरा तो उठाया क्यूँ नही
मुहँ फेर कर जब खडा था मैं वहां बुलाकर
पास सीने से अपने लगया क्यूँ नही
पकड कर तेरे हाथ पुहूँगा मैं तुमसे हक
अपना मुझ पर तुमने जताया क्यूँ नही
इस धागे का एक सिरा तुम्हारे पास भी तो था
उलझा था अगर मुझसे तो तुमने सुलझाया क्यूँ
नही.!
तुम रोक न पाओगे कभी भी मेरी यादों को
तुम रोक न पाओगे नीदों में आने से मेरे ख्वाबों को
तेरा नाम लेकर जो पुकारती है सिर्फ तुम को
तुम रोक न पाओगे मेरी उन आवाजों को
जिसने भिगोया था हमे पहली ही मुलाकात में
तुम रोक न पाओगे सावन की उन बरसातों को
तुझे पाने के लिए मैंने की है जो खुदा के आगे
तुम रोक न पाओगे मेरी उन फरियादों को
दिन तो जैसे तैसे कट जाएगा तुम्हारा पर
तुम रोक न पाओगे बैचेन करती उन तन्हा रातों को
मोहब्बत में जो तुमने तोड़ दिए थे यारा
तुम रोक न पाओगे याद आने से उन वादों को..!

Hindi Poems on Zindagi

The rich linguistic heritage of Hindi enhances the emotional depth of these poems, making them not just literary works but also vessels of wisdom.

The rhythmic quality of zindagi poetry brings a unique auditory experience that elevates its thematic impact. When recited aloud, the flow and cadence can evoke strong feelings, creating a connection between the speaker and listener.

भूलकर खुद के ख्वाबों को आधे रास्ते में तुम
ज़माने भर की बातों में उलझे बैठे हो….. …
कह रहा है दिल तुमसे कुछ दिल की बातें.
तुम छोड़ मायने उनके, उनके शब्दों में उलझे बैठे हो ….
हर दिन इक नया दिखा रहा है नज़राना तुमको
तुम हो कि पिछले दिनों की यादों में उलझे बैठे हो
तुम कैसे जानोगे हाल भला दिल का उनके …..
तुम तो बस उनकी आंखों में उलझे बैठे हो.
भूल कर खुद के ख्वाबों को आधे रास्ते में तुम ….
ज़माने भर की बातों में उलझे बैठे हो……
किसी दिन जिंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता
मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ ज़िंदा क्यूँ नहीं होता
मिरी इक जिंदगी के कितने हिस्सेदार हैं लेकिन
किसी की जिंदगी में मेरा हिस्सा क्यूँ नहीं होता
जहाँ में यूँ तो होने को बहुत कुछ होता रहता है।
मैं जैसा सोचता हूँ कुछ भी वैसा क्यूँ नहीं होता
हमेशा तंज़ करते हैं तबीयत पूछने वाले तुम
अच्छा क्यूँ नहीं करते मैं अच्छा क्यूँ नहीं होता
ज़माने भर के लोगों को किया है मुब्तला तू ने
जो तेरा हो गया तू भी उसी का क्यूँ नहीं होता.।

Hindi Poems on Zindagi

जो तुझे पुकारता रहा रात के अंधकार में
वो सुबह तक मर गया तेरे इंतजार में
कोई होता तो देता जवाब किसी बात का
लाश मिली थी उसकी एक खाली मकान में
दीवारों पर तेरा नाम और हाथ में तेरी तस्वीर
उसका देख रहे थे तमाशा लोग खड़े कतार में
सुबह होती थी तेरे दर पर और रात तेरी गली
मेंकुछ ऐसी बाते हो रही है आज समाज में
उसके दो ही तो महबूब थे एक तू दूसरा खुदा
मिलता था वो तेरे घर पर या फिर मजार में
ये मोहब्बत भी अजीब चीज़ होती है दोस्तों
आशिक गुजर जाता है हर हद से उसके खुमार में

Hindi Kavita On Life

Hindi Kavita often employs rich metaphors and imagery that resonate deeply with readers from various backgrounds. The use of nature, seasons, and everyday life as symbols allows for a universal connection to themes such as love, loss, and resilience.

This unique blend of personal and communal narrative fosters a sense of belonging and shared understanding among readers, transcending geographical and linguistic boundaries.

 

कुछ रुठे रुठे से लगते हो,
तुम कहो तो तुम्हें मनाऊं क्या
दिल का हाल बहुत बुरा है,
तुम कहो तो तुम्हें बताऊं क्या
तुम्हें लगता है प्यार कम है मेरा,
तुम कहो तो तुम्हें जताऊं क्या ।
पर अफसोस तुम कभी कुछ कहते ही नहीं,
कहते हो साथ हो पर कभी रहते ही नहीं,
दिल में दर्द है कितना,
तुम्हें रो के दिखाऊं क्या ।
तुम कभी नहीं समझोगे मुझे,
एक बार कह कर तो देखो, तुम्हें समझाऊँ क्या.!
दो पल ठहर के मेरे पास वह आया
पूछा मिली थी जो खुशी उसे क्यों ठुकराया
ऐसे में जब मैं हल्का सा मुस्कुराया
नजरें उठाई और तब सवाल ठुकराया
जवाब सुनकर वह भी रोने लगा कहीं
ना कहीं मेरे दर्द में खोने लगा
मेरे भाई हसा नहीं कभी खुद के लिए
जिया हो जिंदगी पर ना कभी अपने लिए
इस खुशी का एक ही इंसान मोहताज
था मेरी जान मेरी धड़कनों का वो ताज था..
आखिर खत्म हो गया एक किस्सा मेरी जिंदगानी
का पर नाज रहेगा हमेशा अपनी कहानी पर ।
अजीब सी कशमकश है जिंदगी की
आज क्या है और कल क्या हो जाएगी!
एक पल में बदल जाती है जिंदगी यहां
जो है राहें वो कल कहां नजर आयेंगी !
धुंधला धुंधला सा है शमा आज यहां
जो लम्हा है संग वो भी गुजर जायेगा !
पर थोड़ी उम्मीद तो अभी बाकी है।
कि ये जीवन मेरा भी संभल जाएगा!
कभी कोई तो होगा मेरा भी जीवन में
जो यहां मेरा सिर्फ मेरा कहलाएगा!
सहारा बनेगा मेरा वो इस जीवन में
मेरी जिंदगी में भी वो लम्हा आयेगा.!
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Hindi Poems On Life by Famous Poets

Hindi poem on life by famous poets like Harivansh Rai Bachchan, Gulzar, and Kamala Das offer profound insights into the human experience.

These poets not only capture the essence of life through their words but also inspire introspection and self-discovery. Their poems serve as a mirror, reflecting societal values and personal dilemmas that many face.

जो बंद होती है आँखे, तुम नज़र आती हो
जब खुल जाती है आँखे, तुम तब भी दिख जाती हो

जाने क्या जादू किया है, मुझको यूं मोहित किया हैं
और कोई आए ना आए, तुम याद ज़रूर आती हो

शायद तुमको लगता होगा, तारीफे ज्यादा हो जाती है
क्या करू तुमको देखकर, तारीफ निकल ही जाती है।

जो प्यारी सी सूरत है, उतनी प्यारी सीरत है।
ऐसी प्यारी कोई नहीं, जो प्यारी तुम लगती हो।

जानता हूं ना होगा ये, फ़िर भी अपनी लगती हो
जाने क्यों मेरे सफ़र की, हम सफर तुम लगती हो ।
मन करता है रोज़ाना, आया करू तेरी गली,
कहीं तू गली में, बदनाम ना हो जाए।

सोचता हूं के बुलालु, तेरे घर के बाहर तुझे,
कहीं तेरी दूसरों से पहचान ना हो जाये।

दिल चाहता है मिलने को, गले लगने को तुझे
कहीं छुपी मोहब्बत, सरेआम ना हो जाए।

हश्र देख कर आशिकों के, डर लगता है थोड़ा
कहीं उन जैसा मेरा भी अंजाम ना हो जाए।

पहली बार है शायद, दिल में मोहब्बत सा थोड़ा
कहीं फिर इन जज़्बातो का, काम तमाम ना हो जाए।
स्कूल के दिनों की बड़ी प्यारी यादें हैं
हर पल में मुस्कान देने वाली यादें हैं

स्कूल के सारे दोस्त भी सबसे सच्चे
ज़िन्दगी में स्कूल के दिन सबसे अच्छे

होमवर्क के अलावा कोई चिंता नहीं
डांट मिले टीचर से जिसमे द्वेष नहीं

तब लगता था जाने कब कॉलेज में जाएंगे
कब पढ़ना लिखना छोड़ कर पैसा कमाएंगे।

लेकिन अब वो स्कूल फिर याद आता है
टीचर और होमवर्क सब याद आता हैं।

ऑफिस की प्रेजेंटेशन से होमवर्क ही अच्छा था
बॉस की फटकार से टीचर का डंडा अच्छा था

कमाने के दिन से तो स्कूल के दिन अच्छे थे
कितने प्यारे थे वो दिन जब हम बच्चे थे.!

Life Poems in Hindi

This genre not only resonates with native speakers but also offers a window into the philosophical underpinnings of Indian culture, where poetry often becomes a medium for introspection and societal commentary.

कई किस्से चढ़ गए वक्त की भेंट
पर कुछ किस्से हैं जो पुराने नहीं होते

काश थोड़ा और रो लेते दर पर तुम्हारे
आज आंखों में आंसू छुपाने नहीं होते

उसने कहा भूल जाओ और यह भी ना सोचा
छोड़ने के जैसे भूल जाने के बहाने नहीं होते

वह पूछते हैं हाल मेरा, कोई बताओ उन्हें
सूखे दरख्तों के डाल झुकाने नहीं होते

हैरां हो क्यों हमें चुपचाप गुमसुम देखकर
हम कटी पतंग हैं हमारे ठिकाने नहीं होते

अब जो जा रहे हो तुम, एक बात याद रखना
प्यार सभी करते हैं, सभी दीवाने नहीं होते..!

शहर में झांकती उदास शाम को देखा है
आवारा सड़कें गलियां को बदनाम देखा है

बड़ा मशहूर था एक शख्स क़िस्सों में यंहा
हमने उसकी मौत को भी गुमनाम देखा है

सराफत के नाम से मशहूर था जो कभी
चंद सिक्कों में उसको होते बेईमान देखा है

दीवारों पे लिख रखे हैं सबने नाम यंहा
चैन से जीने वाले को हमने बेनाम देखा है।

Life Poems in Hindi

कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया

अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया

रातों को चांदनी के भरोसें ना छोड़ना
सूरज ने जुगनुओं को ख़बरदार कर दिया

रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ
तुमने ज़रा सी बात को अखबार कर दिया

इस बार एक और भी दीवार गिर गयी
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया

बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया

दो गज सही ये मेरी मिलकियत तो हैं
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया.।
काश जिंदगी मेरी कोई किताब होती,
जिक्र तुम्हारे पन्नो को में फाड़ देती

स्याही जिस कलम की ईसतमाल होती,
उस काँच की शीशी को में उजाड़ देती ।

सहारा क्यो दिया तुमने,
जबकि खुद को में संभाल लेती ।

हां गिरती कही बार, चूने मेरे रास्तो पर
लेकिन विश्वास है मुझे, खुद को में संभाल जाती ।

दिखावे कि तुम्हारे उन बातो को,
काश, पहले ही में पहचान पाती ।

जाहिर कर देते वो राज़,
जो दिल मे थे तुम्हारे ।

सच कहती हूँ,
अपने जिक्र को भी,

तुम्हारे (जिन्दगी की ) किताब में टाल देती ।
चलो हंसने की कोई, हम वजह ढूंढते हैं,
जिधर न हो कोई ग़म, वो जगह ढूंढते हैं!
बहुत उड़ लिए ऊंचे आसमानों में यारो,
चलो जमीं पे ही कहीं, हम सतह ढूंढते हैं!
छूटा संग कितनों का ज़िंदगी की जंग में,
चलो उनके दिलों की, हम गिरह ढूंढते हैं !
बहुत वक़्त गुज़रा भटकते हुए अंधेरों में,
चलो अँधेरी रात की, हम सुबह ढूंढते हैं !!!
बिन सफ़र, बिन मंज़िलों का
.एक रास्ता होना चाहता हूँ।

कहीं दूर किसी जंगल में,
ठहरा दरिया होना चाहता हूँ।

एक ज़िन्दगी होना चाहता हूँ,
बिना रिश्तों और रिवाजों की।

दूर आसमान से गिरते,
झरने में कहीं खोना चाहता हूँ।

मैं आज ‘मैं’ होना चाहता हूँ।
ये जो जिंदगी की किताब है,

ये किताब भी क्या किताब है,

कहीं इक हसीन सा ख्वाब है,

कहीं जानलेवा अज़ाब है,

कहीं खो दिया, कहीं पा लिया,

कहीं रो लिया, कहीं गा लिया,

कहीं छीन लेती है हर खुशी,

कहीं मेहरबां बेहिसाब है,

ये जो जिंदगी की किताब है,

ये किताब भी क्या किताब है,
मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ
वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ

एक जंगल है तेरी आँखों में
मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ

तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ

हर तरफ़ एतिराज़ होता है
मैं अगर रौशनी में आता हूँ

एक बाज़ू उखड़ गया जब से
और ज़ियादा वज़न उठाता हूँ

मैं तुझे भूलने की कोशिश में
आज कितने क़रीब पाता हूँ.!

Life Struggle Inspirational Poems in Hindi

The motivational poem in hindi lies in its ability to convey complex emotions in a relatable manner, making it accessible to a diverse audience. Each line can spark introspection, encouraging individuals to reflect on their journeys and the lessons learned along the way.

ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना
अपनी उम्मीद को हर हाल में ज़िन्दा रखना
गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल..
जो काट ना सकोगे वो एक रात हूँ मै।
की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात हूँ मै।
भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे,
अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ हूँ मैं।
बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद हूँ मै।
ज़िदगी की दौड़ में कुछ छूट गया, कुछ हासिल हुआ
किसी ने दुत्कारा, तो दी किसी ने हँसते हुए दुआ
सबके अपने किस्से हैं. कुछ बताने, कुछ छुपाने लायक
हों रंग जैसे भी इनके, कुछ खिलाफ हैं कुछ सहायक
नहीं पकड़ सकते हाथ हमारे बीते दौर के लम्हों को
होता नहीं कभी-कभी इख़्तियार में हमारे छूना जज्यात को
रहते जिनके सान्निध्य में, होते पलक झपकते दूर हैं
उठें प्रश्न होता कैसे ये घटित, जाने कौन से गरूर हैं
ये दौड़ जीवन की चलती रहेगी सदैव क्रम में अपने
कहीं महकेंगे कहीं हो रुसवा बिखरेंगे किसी के सपने।
कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर ढूँढा उसे इधर उधर वो आंख
मिचौली कर मुस्कुरा रही थी
एक अरसे के बाद आया मुझे
क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी
हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे
से मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,
मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कमबख्त तूने,
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले
तुझे जीना सिखा रही थी।
मैंने सजाया था तुम्हें अपने मुकुट में मान सा,
लेकिन तुम्हें ना हो सका उसका जरा भी भान सा।
अब क्या करे कोई तुम्हारी सोच तो बदली नहीं,
तुमको भी साथी चाहिए एक जादूगर धनवान सा।
सोचा बहुत रोका बहुत पर फिर भी देखो ना थमा,
आज भी उठता है दिल में एक बड़ा तूफान सा।
देखते हो क्या मकां ये इसमें कोई घर नहीं,
एक खंडहर है फकत टूटा हुआ वीरान सा।
दौलतें जग की मिलें पर ना मिले गर साथिया,
मधुकर बना रहता है फिर इंसान इक अनजान सा।”
“राह में मुश्किल होगी हजार,
तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।…”
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Conclusion

Best Life Poetry in Hindi is a treasure trove of wisdom that enriches our understanding of life. Through poignant expressions and relatable themes, these poems illuminate the path to self-discovery and personal growth.

They remind us that every experience, whether joyous or painful, contributes to our unique life story. Engaging with this poetry can foster a deeper connection with ourselves and others, promoting empathy and understanding.